Thursday, September 20, 2012

लुक

   लुक 

"लड़का थोडा टकला है।"
"डैडी , आपको सारी चीजें नहीं मिल सकती।"
"ओके, मगर, टकला .."
"फिजिकल एपिरेंस मेरे लिए सेकेंडरी है। असल चीज लडके का स्वभाव है। अगर स्वभाव अच्छा है तो कंसिडर किया जा सकता है।"
"हाँ। मगर, सर पर अभी से बाल कम होना ..."
"मेरे लिए लुक मेटर नहीं करता ...."
"मुझे तआज्जुब है कि इस उम्र में तुम्हारी ये सोच है।"
"मगर, आप अपनी सोच मुझ पर लाद नहीं सकते।"
"ओके। मगर, मुझे यह जरुर लगेगा कि शायद मेरी लडकी में ही कोई कमी होगी ..."
"डैडी ....?"  लडकी ने आँखें तरेर कर बाप को देखा।


"डैडी , लड़का कह रहा है कि वह आपसे मिल कर संदेह मिटाना चाहेगा।"
"मगर, मुझे इसमें कोई रूचि नहीं है।"
"पर, मिल लेने में क्या हर्ज है ?"
"हर्ज ये है कि न चाहते हुए भी उसी मेटर पर सोचने को आप बाध्य किये जाते हैं।"
"ठीक तो है, हर एंगल से सोचने का आपको मौका मिलता है। आपके साथ कोई जबर्दस्ती तो कर नहीं रहा है।"
"ये एक तरह से जबरदस्ती ही होती है।"
"गलत, मैं नहीं मानती।"


"डैडी, लड़का आया हुआ है। क्या हम उसे लेने जाएँ ?"
"लेने जाने का क्या मतलब है ? वह आएगा, हम मिल लेंगे।"
" एक्चुअली, प्लान किया है कि पहले हम मिल लेते हैं और तब, अगर आपसे मिलाने लायक बात बनती है तो  ले आयेंगे।"
"नहीं। अगर, लड़का आ ही गया है तो सीधे उसे यहाँ आ जाने दो।"


"डैडी, हम लोग गलेरिया के एक केफे में  हैं। क्या लडके को लेकर आना है ?"
"हाँ, भई। जब तुम उसे रिसीव करने एयर पोर्ट गई हो। करीब-करीब दिन भर उसके साथ हो। ऐसी स्थिति में हम से मिलना तो उसका जरुरी हो गया है। आखिर अपने पेरेंट्स को वह क्या जवाब देगा ?"
"ओके।"


"डैडी, लडके के बारे में आपकी कैसी सोच है ?"
" बढ़िया है। गंभीर किस्म का लड़का लगा। नौकरी ठीक है, सोच पाजिटिव है। हल्कापन मुझे कहीं भी नजर नहीं आया उसकी पर्सनालिटी में।"


"बेटी, लडके के माँ-बाप पूछ रहें हैं, क्या जवाब देना है ?
"ठीक है  ...."
"जी नहीं, इस तरह जवाब नहीं दिया जा सकता। मुझे ठीक-ठीक बताओ, तुम्हे लड़का पसंद है ?"
"फ़िलहाल, इससे बेटर आप्शन भी तो अपने पास नहीं है।"
"मुझे लगता है कि लड़का ठीक है।"
"मगर, लुक ...."
"देखो, तुम अब लुक की बात मत करो। ....यु हेव लास्ट दी अपारचुनिटी टू टाक ऑन दिस मेटर।"


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